
भारत के लोकतंत्र से तो सभी वाकिफ है! जहाँ के संविधान के अनुसार प्रत्येक भारतीय को अपनी बात किसी भी भाषा में कहने का पूरा अधिकार है! मगर आप अपनी बात, यदि राष्ट्रिय भाषा हिंदी में कर रहे है, तो कही कोई अपराध तो नहीं कर रहे! 09 नवम्बर 2009 को महाराष्ट्र की विधान सभा में शपथ समारोह के दौरान हुए हंगामे और मार-पीट को देख कर तो यही लगता है! कि हिन्दुस्तान में रहकर हिंदी बोलना एक संगीन अपराध है!
राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना महाराष्ट्र की सड़कों पर जो अब तक करती आई थी,वो उसने विधानसभा में कर दिया! हिंदी में शपथ लेने से नाराज़ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के विधायकों ने समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी को थप्पड़ मारा, मारपीट की और उनका माइक उखाड़ कर फेंक दिया! .इसके पहले एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने राज्य के सभी नवनिर्वाचित विधायकों को पत्र लिखकर उन्हें मराठी में शपथ लेने या नतीजे भुगतने की धमकी दी थी! बावजूद इसके महाराष्ट्र विधान सभा में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम नहीं किये गए! इसके पहले भी राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र में हिंदीभाषियों को निशाना बनाती रही है.माना जा रहा है कि राज ठाकरे की पार्टी मराठीभाषी मतदाताओं को शिव सेना से हथियाने के लिए ये सब कर रही है!
परन्तु कुछ लोगो का ये कहना है कि महाराष्ट्र में शिव सेना के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राज ठाकरे की मनसे को रोकने की बिलकुल भी कोशिश नहीं करती! ताकि मराठी वोट शिव सेना और मनसे में बँट जाये और कांग्रेस - एनसीपी की सत्ता कायम रहे!
वजह चाहे जो भी हो लेकिन मनसे के विधायको ने महाराष्ट्र - विधानसभा में जो हंगामा किया और समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक अबू आज़मी को जो थप्पड़ मारा उसकी गूँज से पूरा देश सन्न है! और 9/11 का ये दिन महाराष्ट्र विधानसभा के साथ-साथ पूरे देश के लिए शर्मनाक साबित हुआ! क्या ये थप्पड़ अबू आज़मी को था??? क्या ये थप्पड़ लोकतंत्र को था??? या फिर हिंदुस्तान की राष्ट्र भाषा हिंदी को ???
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