
जूता फेंकने का ये सिलसिला एक इराकी पत्रकार के द्वारा शुरू किया गया था! जिसने पिछले साल एक संवाददाता सम्मलेन में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश पर जूता फेंका था! जिसके लिए मुन्तज़र - अल - जैदी नाम के इस पत्रकार को १ वर्ष की सजा सुनाई गई थी! लेकिन इराक की ये पद्यति भारत में उस समय देखने को मिली जब गृह मंत्री पी. चिदंबरम एक पत्रकार सम्मलेन को संबोधित कर रहे थे! उसी समय एक सिख पत्रकार जरनैल सिंह ने, कांग्रेस उम्मीदवार जगदीश टाइटलर को १९८४ के सिख विरोधी दंगो के मामले में सीबीआई की ओर से क्लीन चिट मिल जाने के मुद्दे पर, गृह मंत्री पी. चिदंबरम की ओर जूता उछाल दिया था! ये बात और है कि जूता चिदंबरम के पास से निकल गया ओर इसके नतीजतन कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार को अपनी उम्मीदवारी गंवानी पड़ी! मगर चिदंबरम ने उस पत्रकार को माफ़ तो कर ही दिया और साथ ही साथ प्रशासन की ओर से भी कोई करवाई नहीं हुई!
इस घटना के दो दिन बाद ही दिल्ली कॉलेज के एक व्याख्याता ने स्टाफ काउंसिल की बैठक में अपने एक सहयोगी पर जूते से निशाना साधने की कोशिश की! जिसे अन्य शिक्षको ने विफल कर दिया! अभी इन घटनाओं को लोग भुला भी नहीं पाए थे, कि इसी तरह की एक घटना उस वक़्त घटी जब एक सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक रामकुमार ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक चुनावी रैली में सांसद नवीन जिंदल पर जूता फेंका ! हालांकि चिदम्बरम की तरह जूता नवीन को भी नहीं लगा! लेकिन बाद में पता चला कि उसका गुस्सा कांग्रेस की नीतियों के खिलाफ था! इस पर नवीन जिंदल ने सफाई दी थी, कि वह शिक्षक शराब के नशे में था!
लगता है इस बार जनता नेताओं से बेहद नाराज़ है! क्योंकि कुछ ही दिन बाद भाजपा के पीएम इन वेटिंग लालकृष्ण आडवाणी कटनी में आयोजित एक आम सभा को संबोधित कर रहे थे, कि इसी दौरान भाजपा के ही कथित कार्यकर्त्ता ने चप्पल उछालकर काफी अपशब्दों का प्रयोग किया! लालकृष्ण आडवाणी जैसे ही सभा को संबोधित करने पहुंचे थे, उसी दौरान दर्शक दीर्घ में बैठे पावस अग्रवाल नाम के भाजपा कार्यकर्त्ता ने खड़ाऊ (लकडी की चप्पल) लालकृष्ण आडवाणी की तरफ उछालकर फेंकी थी! लेकिन अन्य मामलो की तरह वह खड़ाऊ भी आडवाणी को लगने की बजाय उस पर गिरी जिस कुर्सी पर प्रभारी मंत्री बैठे थे!
और तो और खबरें ये भी सुनने में आ रही है कि अब जूता फेंकने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है??? और लोग टारगेट पर जूता फेंकने की प्रैक्टिस भी कर रहे है??? अब नेताओं को सब कुछ सोच समझ कर बोलना होगा..... कहीं फिर से कोई शूज़ इश्यु न हो जाये !!!
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