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Thursday, October 14, 2010

राजनीति... या रिश्तेदारी ???

लोकतंत्र का मतलब है ...जनता के द्वारा , जनता के लिए, जनता का शासन.....! लेकिन बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र.... हालात को देखते हुए अगर कहा जाये…. कि नेताओं के द्वारा...., रिश्तेदारों के लिए...., बिहार का शासन.... तो गलत न होगा...! जी हाँ, बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की घोषणा सभी राजनैतिक पार्टियों ने कर तो दी! लेकिन इन उम्मीदवारों की फहरिस्त में...सभी पार्टियों ने सम्बन्धियों और परिवारवाद को ख़ास तवज्जो दी है! कोई पार्टी मुखिया अपने भाइयो को टिकट दे रहा है तो कोई अपने रिश्तेदारों को....

लोजपा मुखिया रामविलास पासवान ने अपने एक भाई रामचंद्र पासवान (जो कि पूर्व सांसद है..) को "कुशेश्वर अस्थन" विधान सभा क्षेत्र से टिकट दिया है.... तो दूसरे भाई पशुपति कुमार पारस को "अलौली" विधानसभा सीट से खड़ा किया है! वहीँ "सोनबरसा" सीट से अपनी करीबी रिश्तेदार "सरिता देवी" को अपना उम्मीदवार बनाया है! लोजपा से ही राज्य सभा सांसद साबिर अली की पत्नि यास्मीन अली को नरकटियागंज से पार्टी ने मैदान में उतारा है! इसी के साथ पार्टी उपाध्यक्ष "सूरजभान सिंह" के साले "रमेश सिंह".... "विभूतिपुर" विधानसभा क्षेत्र से लोजपा के लिए चुनाव लड़ेगे! पूर्व विधायक राजन तिवारी.... (जिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज है ) के भाई.... राजू तिवारी "गोबिन्द गंज" सीट से खड़े होकर एल. जे. पी. के लिए वोट मांगेंगे!

पिछले पांच सालो से बिहार की कुर्सी पर राज करने वाली पार्टी.... जद-यु की .... बात की जाये तो वो भी वंशवाद के दंश से नहीं बच पायी! जहाँ एक ओर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्रा के बेटे " नितीश मिश्रा " को "झंझारपुर" सीट से खड़ा किया गया है तो वहीँ दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री "रामसुंदर दास" के बेटे "संजय़ कुमार" को "राजापकड़" विधान सभा सीट का उम्मीदवार बनाया है! और राहुल शर्मा को "घोंसी" सीट से मैदान में उतारा गया है ! हम आपको बता दे क़ि राहुल शर्मा ...., जद-यु के ही जहानाबाद सीट से सांसद जगदीश शर्मा के बेटे है१

इधर "जमुई" सीट से "अजय प्रताप सिंह" जद-यु के लिए तीरंदाजी करेंगे.....जो क़ि बिहार में मंत्री "नरेंद्र शर्मा सिंह" के बेटे है! तो उधर पूर्व केन्द्रीय मंत्री मो. तस्लीमुद्दीन के बेटे "सरफ़राज़ आलम "....."जोकीहाट" विधान सभा क्षेत्र पर जेडी-यु की कमान संभालेंगे! एक ओर एम.एल.ए. शशि कुमार राय के भाई "नंदकुमार राय"......."बरुराज"सीट से उम्मीदवार है! तो दूसरी तरफ "देवनाथ यादव" की पत्नि "गुलज़ार देवी"....."फूलपारस" विधानसभा सीट से जद-यु की अगुआई करेगी! वहीँ लोकसभा सांसद माहेश्वर हजारी के पिता "सेवक हजारी" को और सांसद विश्वमोहन शर्मा की पत्नि सुजाता को भी जद-यु ने अपना उम्मीदवार बनाया है!

आइये अब बात करते है .... इंडियन नेशनल कांग्रेस की.....जिसने बिहार की सत्ता पर सबसे ज्यादा राज किया और बिहार को 18 कांग्रेसी मुख्यमंत्री भी दिए! कांग्रेस ने "हाजीपुर" विधान सभा क्षेत्र के लिए निशाद की पोती .....रमा को उम्मीदवार बनाया है! दूसरी ओर राम के बेटे विजय कुमार राम को "हरसिद्धि" सीट से पंजे की पहचान दी है!

बिहार की सत्ता का 15 वर्षो तक सुख भोगने वाली राष्ट्रीय जनता दल का हाल भी कुछ इसी तरह का है! आर.जे.डी. ने भी परिवारवाद को तवज्जो देते हुए .....पूर्व केन्द्रीय मंत्री एम.ए.ए. फातमी के बेटे फ़राज़ फातमी को आर.जे.डी. ने "केवटी" से टिकट दिया है...तो पूर्व केन्द्रीय मंत्री "रघुनाथ झा" के बेटे "अजीत कुमार झा" को "स्योहार" विधानसभा क्षेत्र से लालटेन जलने का ज़िम्मा सौंपा है! वहीँ पूर्व मंत्री " सीताराम सिंह " के बेटे "राणा रंधीर" को आर.जे.डी.ने "मधुबन" सीट का टिकट थमाया है! और आखिर में आर.जे.डी. से एम.पी. जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर को बी.जे.पी. ने "बक्सर " सीट पर अपना प्रत्याशी चुना है !

जबकि पूर्व सांसद और विधायक आनंद मोहन, पप्पू यादव, मुन्ना शुक्ल और शहाबुद्दीन जैसे कुछ आरोपियों की पत्नियाँ पहले से ही टिकट पा चुकी है!

राजनेताओं का मुस्लिम अल्पसंख्यक प्रेम

बिहार विधान सभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है! सभी पार्टियां चुनावी दंगल मे कूदने के लिये कमर कस चुकी है! जहाँ एक तरफ पन्द्रह साल राज कर चुके लालू यादव…. राम विलास पासवान के साथ गठबन्धन की नाव पर सवार हो कर चुनावी बैतरणी पार कर के बिहार की सत्ता पर काबिज़ होने की योजना बना रहें है! वही नीतीश कुमार अपने किये गये विकास कार्यो के बल पर अपनी जीत के दावे कर रहे है.... वही बात अगर कांग्रेस की जाये तो पार्टी अकेले आगे बढ़ने की नीति पर चल रही है। वजह भी साफ है ......जी हाँ, इसकी वजह है राहुल गाँधी का चुनाव अभियान अपने हाथ मे लेना ...कुल मिला कर देखा जाये तो लड़ाई दिलचस्प होने के पूरे आसार दिख रहे है। लेकिन अगर हम मेन मुकाबले की बात करे... तो वो है लालू राबडी के 15 साल बनाम नितीश कुमार के 5 साल ......ये तो बात हुई सियासी दलो की....लेकिन अब हम बात करने जा रहे है उस जनता की.... जिससे हर चुनाव से पहले किये जाते है बडे़ बडे़ वादे... और जैसे ही चुनाव खत्म होता है.... साथ ही खत्म हो जाते है सारे वादे........ इस पूरी कवायद मे सबसे ज्यादा अगर अपने आप को ठगा सा महसूस करता है.... तो वो है बिहार का अल्पसंख्यक मुस्लिम मतदाता...। चुनाव आते ही राजनीति की मन्डी मे अल्पसंख्यक नेताओ को लगभग सभी पार्टिया हाईलाइट कर रही है। सब अपने को मुसलमानो का सबसे हितैषी साबित करने मे लगे है। इस कवायद मे कांग्रेस ने जहां महबूब अली कैसर को बिहार प्रदेश की कमान सौपी..... वही नीतीश कुमार ने आलोचनाओ की परवाह किये बगैर भाजपा के धुरविरोधी छवि वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री तस्लीमुद्दीन को अपने खे़मे मे शामिल कर अल्पसंख्यक मतदाताओ को रिझाने का पूरी तैयारी कर ली..... ऐसे मे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव कैसे पीछे रह सकते है। उन्होने ने भी जेडीयू के पूर्व विधायक रियाजुल हक को गाजे बाजे के साथ अपनी पार्टी मे शामिल कर लिया... लेकिन ऐसे मे बिहार की जनता…. बिहार की कमानकिसको सौंपती है??? ये तो वक्त ही बतायेगा लेकिन सवाल ये उठता है... कि क्या सियासी दलो का ये मुस्लिम प्रेम चुनाव के साथ ही ख़त्म हो जाएगा या फ़िर क़ायम रहेगा???

बाहुबलियों का दम ...

बिहार की राजनीति पर चर्चा हो और बाहुबलियो की बात ना हो ऐसा कैसे हो सकता है…. जी हाँ, इस बार भी विधान सभा चुनाव मे इनकी हनक साफ दिख रही है। जहाँ तक बात है चुनाव आयोग के कडे रुख की.... तो उसका भी जबाब अपनी पत्नियो को मैदान मे उतार कर दे दिया है। वही अगर बात वर्तमान विधान सभा की करे... तो कई महिला विधायक ऐसी है.... जिनके पतियो की अपराधिक पृष्ठभूमि रही है.... जैसे: कुन्ती देवी, पूर्णिमा देवी, पूनम देवी और मुन्नी देवी ! वही इस बार के चुनाव पर नज़र डाले तो लालगंज के विधायक मुन्ना शुक्ला राजद सरकार के पूर्व मंत्री राजद सरकार के पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या में दोषी करार दिये गये हैं और इस बार चुनावी अखाड़े में उनकी पत्नी अन्नू शुक्ला मतदाआओं से वोट मांगती नजर आएंगी। जदयू ने अन्नू शुक्ला को लालगंज से अपना प्रत्याशी घोषित किया है।

हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने वाली लवली आनंद को पार्टी ने सहरसा जिले के आलमनगर से अपना प्रत्याशी बनाया है। वे कोसी क्षेत्र के बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी हैं। वही कोसी क्षेत्र मे आतंक का पर्याय माने जाने वाले पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, माकपा विधायक अजित सरकार की हत्या के मामले में दोषी करार दिए गए हैं! और उन्होंने अपनी पत्नी तथा पूर्व सांसद रंजीता रंजन को चुनावी अखाड़े में उतारा है। हत्या, रंगदारी और अपहरण के दो दर्जन से भी अधिक मामलों का सामना कर रहे अवधेश मंडल की पत्नी बीमा भारती रुपौली से प्रत्याशी हैं। पूर्णिया जिले के रूपौली से राजद के टिकट पर जीत कर विधानसभा में पहुंचने वाली बीमा भारती ने इस बार पाला बदलकर जदयू का दामन थामा है।