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Saturday, October 25, 2008

"अधूरा सपना....."

भारत एक लोकतांत्रिक देश है! यहाँ पर न कोई अमीर हैं, और न ही कोई गरीब...... सबके लिए कानून बराबर हैं! हर एक की पढ़ाई के लिए स्कूल और कॉलेज की सुविधाएँ होगी, खाने के लिए रोटी और रहने के लिए सबके पास मकान होगे ! लेकिन, कही ये सपना तो नही? हाँ ये सपना ही है......

ये तो सच हैं कि ये लोकशाही समाज हैं! लेकिन इसकी वास्तविकता कुछ और ही हैं! यहाँ गरीबों की कोई सुनने वाला नही है! घर तो छोड़ो यहाँ पर तो खाने के लाले पड़ रहे हैं...... दिन का खाना मिल गया तो रात का खाना नसीब नही होता! पढ़ने के लिए दिमाग हैं, लेकीन कॉलेज की फीस भरने के लिए पैसा नही....... कॉलेज हैं, लेकिन टीचर नही...... अगर कॉलेज रहेंगे भी तो कोसो दूर....... ! गरीबी- अमीरी का फासला इतना बढ़ गया हैं! कि अमीरों को गरीब लोग अपने पैरो की धूल लगते हैं! ये ही हैं, आज का लोकशाही समाज...... यहाँ चुनाव तो होते हैं! मगर नेताओं की झोली भरने के लिए, और गरीब जनता ही बनती है नेताओं के जीतने की सीढ़ी!

एक तरफ कई लोग भूखे मर रहे हैं, तो दूसरी ओर हमारी सरकार वोट बैंक बनाने में लगी हुई है! बच्चे सड़क पर नंगे - भूखे खाने के लिए तरस रहे है! और इसीलिए अपना बचपन भुलाकर मजदूरी कर रहे है! ताकि वे अपने एक टाइम के खाने का तो गुजारा कर सके! पैसा न होने के कारण उन बच्चो को शिक्षा अधूरी ही छोड़नी पड़ती हैं! अगर बुरे हालात को मात देकर पढ़-लिख भी लिए तो काम करने के लिए आज हुनर नही? बल्कि पैसो (डोनेशन) की मांग की जाती है! मकान खरीदने जायेंगे तो, उसकी कीमत इतनी होती हैं! कि आम आदमी घर बनाने से पहले सौ बार सोचता है! और अगर गरीबो के पास थोडी बहुत ज़मीन है भी तो ...... बिल्डर गरीब को झांसा देकर उसकी ज़मीन पर कब्जा जमा लेता है! ये गरीब लोंग जाए तो किधर जाए......? ना तो इनकी सुनने के लिए सरकार के पास टाइम हैं! और ना ही वो इनके बारे में सोचना चाहती!

एक तरफ ये हाल हैं तो दूसरी ओर आजकल के नौजवानों के लिए कॉलेज सिर्फ़ मौज मस्ती का जरिया बन गया है! और ये नौजवान रेव पार्टी जैसी पार्टियाँ अटैंड करना पसंद करते है! आज हमारे यहाँ यदि कोई बड़ा नेता या अभिनेता बीमार पड़ जाता है! तो कोने- कोने में मंत्र और पूजा-पाठ किए जाते है! और कई जगहों पर तो हवन भी किए जाते है! इसी के साथ मीडिया भी उन्ही लोगो को अपनी टी आर पी बढाने के लिए हाई-लाइट करती है! यदि यहाँ पर किसी गरीब का बच्चा मर भी जाता है, तो कोई देखता भी नही..... इसी के चलते इस देश की गरीबी ही भ्रष्टाचार की वजह बन जाती हैं ...... ! ज्यादातर इस गरीबी की शिकार वो बेबस लड़कियां बनती है! जो अपने जिस्म तक की बोली लगा देती है! और फ़िर ये ही समाज उनसे नाता तोड़ देता है! और उनको नाम दे देता है वेश्या.... ! इन गरीबों के सपने.......सपने ही रह जाते हैं, और आँखों में रह जाते है सिर्फ़......खून के आँसू !

जी हाँ! ये ही हैं, आज के समाज का आईना.......आज के समाज की वास्तविकता......आज के "समाज-का-दर्पण" ! जहाँ एक तरफ़ गरीबी से लोग परेशान हैं, तो वहीं दूसरी तरफ़ लोग रेव पार्टी जैसी पार्टियों में बिजी हैं! इस गरीब जनता के सवाल का जवाब कौन देगा? कौन सुनेगा इनकी पुकार? समाज के इस खोखले कानून की वजह से बढ़ रहे अत्याचार का खात्मा कैसे होगा? आख़िर कब तक इन गरीबो के सपनो के साथ खिलवाड़ किया जायगा?