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Friday, September 05, 2008

फ्रेशर-पार्टी

" एन्रिकुए इग्लेसिअस " की धुन अपने शबाब पर जोरो-शोरो से बज रही है! कहीं युवा इसकी धुनों के साथ अपने ताल से ताल मिला रहे है, तो कहीं जाम से जाम टकराय जा रहे है! जैसे-जैसे रात ढल रही है वैसे-वैसे पार्टी अपने शबाब पर ढलती जा रही है!
जी हाँ हम बात कर रहे है, "आमतौर पर होने वाली डिस्को-फ्रेशर पार्टी की! आज से कुछ साल पहले फ्रेशर पार्टी कुछ अलग ढंग से मनाई जाती थी! पहले ये सिर्फ़ जान-पहचान का जरिया हुआ करता था, युवा आते और अपना नाम, रुचियाँ आदि बताकर चले जाते! इसके साथ ही साथ खेल या क्विज कांटेस्ट भी हुआ करते थे!
परन्तु जैसे-जैसे दुनिया बदल रही है वैसे-वैसे फ्रेशर पार्टी को मानाने का भी अंदाज़ बदल रहा है! अब ये पार्टियाँ ज्यादातर डिस्को में ही आयोजित की जाती है! जहाँ पर नवयुवक और नवयुवतियाँ एक दूसरे के साथ नाचते, शराब पीते,और धुम्रपान के साथ मौज मस्ती करते है! ये प्रत्येक कॉलेज मे त्यौहार की तरह मनाया जा रहा है! इन पार्टियों को आयोजित करने का मकसद होता है कि पार्टी में कोई छोटा-बड़ा नही होता! सब एक साथ मिलकर इसका लुत्फ़ उठाते है! इससे हमें एक-दूसरे को समझने में काफ़ी मदद मिलती है! पार्टी को खुशनुमा बनाये रखने के लिए मिस्टर और मिसेज फ्रेशर का भी आयोजन किया जाता है!
आमतौर पर ये देखा गया है कि इन पार्टियों में शराब खुले तौर पर बेची और खरीदी जाती है! लेकिन सवाल ये उठता है कि ऐसी पार्टियाँ केवल डिस्को में ही क्यों होती है? क्या हम इसे कॉलेज में आयोजित नही कर सकते है? क्या कॉलेज में पार्टी मनाने से हम एक-दूसरे को समझ नही पायेगे? क्या " हमें एक-दूसरे की मदद करने में शर्म आयेगी?"
जो पैसे डिस्को की एंट्री में और मौज-मस्ती करने में युवा उड़ा देते है अगर वही पैसे युवा डिस्को में पार्टी न करके कॉलेज में करते है, तो उससे इकठ्ठा कि गई राशि किसी अनाथालय में दान दी जा सकती है, जिससे उन्हें आंतरिक खुशी तो मिलेगी ही और साथ ही साथ उनकी फ्रेशर पार्टी एक सुखद यादगार लम्हे के तौर पर आजीवन याद रहेगी!

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